Desh Mere – Arijit Singh

ओ, देस मेरे, तेरी शान पे सदकेकोई धन है क्या तेरी धूल से बढ़ के?तेरी धूप से रोशन, तेरी हवा पे ज़िंदातू बाग़ है मेरा, मैं तेरा परिंदा
है अर्ज़ ये दीवाने की, जहाँ भोर सुहानी देखीएक रोज़ वहीं मेरी शाम होकभी याद करे जो ज़माना, माटी पे मर-मिट जानाज़िक्र में शामिल मेरा नाम हो
ओ, देस मेरे, तेरी शान पे सदकेकोई धन है क्या तेरी धूल से बढ़ के?तेरी धूप से रोशन, तेरी हवा पे ज़िंदातू बाग़ है मेरा, मैं तेरा परिंदा
आँचल तेरा रहे, माँ, रंग-बिरंगा, ओ-ओऊँचा आसमाँ से हो तेरा तिरंगा
जीने की इजाज़त दे-दे या हुक्म-ए-शहादत दे-देमंज़ूर हमें जो भी तू चुनेरेशम का हो वो दुशाला या कफ़न सिपाही वालाओढ़ेंगे हम जो भी तू बुने
ओ, देस मेरे, तेरी शान पे सदकेकोई धन है क्या तेरी धूल से बढ़ के?तेरी धूप से रोशन, तेरी हवा पे ज़िंदातू बाग़ है मेरा, मैं तेरा परिंदा
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